Sunday, May 18, 2025

Uttarakhand प्रदेश: 28 लाख ग्राहकों को राहत,Jun: बिजली बिल कम होगा, ब्याज भी मिलेगा

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जून में उत्तराखंड में लगभग 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल कम हो जाएगा। जून महीने में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सभी उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज देने का आदेश दिया था। यूपीसीएल ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के आदेश के अनुसार ये आदेश जारी किए हैं।

वास्तव में, जब यूपीसीएल नया विद्युत कनेक्शन प्रदान करता है, तो वह एक सुरक्षित शुल्क भी वसूलता है। नियामक आयोग ने इस राशि पर प्रति वर्ष ब्याज देने का आदेश दिया था। इसलिए यूपीसीएल इस वर्ष ब्याज देने जा रहा है। यूपीसीएल के MD अनिल कुमार ने बताया कि ब्याज का चार्ट 20 सितंबर 2003 से 31 मार्च 2024 तक जारी किया गया है।

साल दर साल ब्याज दर जुड़ने के बाद, निगम वित्तीय वर्ष 2024–25 में सभी बिजली उपभोक्ताओं को उनकी सिक्योरिटी राशि पर 6.75% ब्याज देगा। 30 जून तक, इस ब्याज को उनके विद्युत बिलों में समायोजित किया जाएगा। यदि उपभोक्ता के पास पर्याप्त सिक्योरिटी नहीं है, तो उसका ब्याज पहले जमा सिक्योरिटी से कम हो जाएगा

उसके बाद बाकी राशि बिजली बिलों में समायोजित कर दी जाएगी। इसके अलावा अगर उपभोक्ता का वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिया गया है तो सिक्योरिटी राशि पर ब्याज ऐसे बिल जारी होने की अवधि तक उपभोक्ता के अंतिम बिल में समायोजित किया जाएगा।
ब्याज की अवधि और दर, सिक्योरिटी राशि पर ब्याज के रूप में उपभोक्ता को देय राशि और उसके लिए समायोजन उपभोक्ता को जारी किए गए प्रासंगिक बिलों में दिखाया जाएगा। पूरे कैलेंडर माह के लिए निगम की ओर से रखी गई सुरक्षा जमा राशि पर ब्याज देय है। यदि सुरक्षा जमा का भुगतान नकद (चेक, डिमांड ड्राफ्ट, आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस सहित) में किया जाता है, तो ब्याज देय होगा। जहां बैंक गारंटी, ऋण पत्र आदि के माध्यम से सुरक्षा प्रदान की गई है, वहां कोई ब्याज देय नहीं होगा।
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निगम ने देरी की तो डेढ़ गुना जुर्माना
निगम की किसी भी इकाई ने सिक्योरिटी राशि पर ब्याज के समायोजन में देरी की तो उस पर नियामक आयोग ने डेढ़ गुना ब्याज का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। यदि वित्तीय वर्ष के बाद 30 जून तक उपभोक्ता के बिजली बिलों में ब्याज का समायोजन नहीं किया जाता है, दंडात्मक डेढ़ गुना ब्याज देय होता है तो इसका भुगतान डिवीजन कार्यालय के जिम्मेदार कर्मचारियों के वेतन से होगा। संबंधित अधीक्षण अभियंता (वितरण) और उक्त अधीक्षण अभियंता (वितरण) की मंजूरी यह सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ता को भुगतान किया गया दंडात्मक ब्याज संबंधित कर्मचारियों के वेतन से वसूल किया जाना चाहिए। जो बिलों में ब्याज के समायोजन में देरी के लिए जिम्मेदार हैं।

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