Sunday, June 22, 2025

Supreme Court: उच्च न्यायिक सेवाओं में LDCE आरक्षण 25% होगा; 2007 बैच की नौसेना अधिकारी को स्थायी कमीशन मिलेगा

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सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायिक सेवा या जिला न्यायाधीश के कैडर में पदोन्नति के लिए सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (एलडीसीई) के लिए आरक्षित कोटा भी 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया। सीजेआई जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा, इससे न्याय प्रशासन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उच्च न्यायपालिका में 25% पद बाहर से सीधी भर्ती से भरे जाते हैं, जबकि 50% योग्यता-सह-वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति से भरे जाते हैं। एलडीसीई में न्यायिक अधिकारी अनुभव या वरिष्ठता की परवाह किए बिना इसे पास करके एडीजे बन सकते हैं।

बहुत हुआ, 2007 बैच की अधिकारी को स्थायी कमीशन दे नौसेना: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश के बावजूद 2007 के एक शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी को स्थायी कमीशन न देने पर नौसेना को फटकार लगाई और कहा, बहुत हुआ। नौसेना के अधिकारी अपना अहंकार छोड़ंे और इस अधिकारी को स्थायी कमीशन दें। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 2007 बैच की जज एडवोकट जनरल्स (विधिक) विभाग की अधिकारी सीमा चौधरी को एक सप्ताह में स्थायी कमीशन देने पर विचार करने के लिए कहा। पीठ ने नौसेना अधिकारियों और केंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम से कहा, बहुत हो गया। कृपया अपना व्यवहार सुधारें। हम आपको उसे स्थायी कमीशन देने के लिए एक सप्ताह का समय देंगे। क्या संबंधित अधिकारी सोचते हैं कि वे न्यायालय के आदेशों को नजरअंदाज कर सकते हैं? आप किस तरह के अनुशासित बल हैं? चयन बोर्ड की कार्यवाही और अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट का अवलोकन करने वाली पीठ ने पूछा कि जब अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने सभी मानक हासिल कर लिए हैं, तो उन्हें स्थायी कमीशन में क्यों नहीं लिया गया। पीठ ने कहा, संबंधित अधिकारियों को अपना अहंकार त्यागना होगा। आप कैसे कह सकते हैं कि वह सभी पहलुओं में फिट हैं, लेकिन फिर भी हम उन्हें स्थायी कमीशन में नहीं ले सकते? इस अदालत का स्पष्ट निष्कर्ष है कि उनके मामले पर अलग से विचार किया जाना चाहिए। फिर अब तक उन पर विचार क्यों नहीं किया गया? 

फ्लिपकार्ट को एकाधिकार बनाने में महारत, हमें छोटी कंपनियों की चिंता; शीर्ष अदालत करेगी एकाधिकार बनाने के मुद्दे की जांच
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट एकाधिकार बनाने के लिए जानी जाती है। उसे इसमें महारत हासिल है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे बाजार में छोटी कंपनियों के भविष्य को लेकर चिंता है। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश से शुरू हुए विवाद के निपटारे में मदद के लिए वकील उदयादित्य बनर्जी को न्यायमित्र नियुक्त किया। एनसीएलएटी ने निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को फ्लिपकार्ट के खिलाफ उसके प्रभुत्वपूर्ण स्थिति के दुरुपयोग के लिए जांच शुरू करने को कहा था। जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस बात पर हैरानी जताई कि फ्लिपकार्ट पर अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन (एआईओवीए) का कहीं पता नहीं चला। उसके वकीलों को संस्था से कोई निर्देश नहीं मिला था। एआईओवीए की ओर से पेश अधिवक्ता उदयादित्य बनर्जी ने कहा कि यह संभव है कि संगठन को भंग कर दिया गया हो या अब उसका अस्तित्व ही न हो। पीठ ने फ्लिपकार्ट के वकील से कहा कि वह एकाधिकार बनाने के मुद्दे की जांच करना चाहेगी। फ्लिपकार्ट के वकील ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म की वजह से कई छोटे विक्रेता अपने कारोबार को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में सक्षम हुए हैं। इस पर जस्टिस कांत ने कहा, कभी-कभी फ्लिपकार्ट इतनी अधिक छूट देता है कि इससे छोटे कारोबारियों का कारोबार और बाजार का संतुलन बिगड़ जाता है। पीठ ने वकील उदयादित्य बनर्जी से इस मामले में न्यायालय की मदद करने को कहा, अन्यथा यह एक असमान लड़ाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष निर्वाचित हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह
वरिष्ठ वकील विकास सिंह को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) का अगला अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। एससीबीए ने मंगलवार को अपनी कार्यकारी समिति के चुनाव के परिणामों की घोषणा की। सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदियों वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश सी अग्रवालवाला और प्रदीप कुमार राय को हराकर चौथी बार इस पद पर निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने 2018, 2021 और 2022-23 में एससीबीए अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पिछले साल एससीबीए का अध्यक्ष पद जीता था। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 2024 में अंतिम रूप दी गई मतदाता सूची के आधार पर शीर्ष अदालत बार एसोसिएशन के चुनाव कराने की तारीख 20 मई तय की थी।
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