भौगोलिक दृष्टि से सिंधु, चिनाब, झेलम, ब्यास, रावी और सतलज की स्थिति ऐसी है कि इन नदियों के पानी का कंट्रोल भारत के हाथ में है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं, भारत ने पाकिस्तान के इस जुगुलर वेन को दबा दिया है और 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है. भारत के इस एक्शन के बाद 40 डिग्री का तापमान झेल रहे पाकिस्तान का हलक सूखने लगा है.
जुगुलर नस (jugular vein) को अगर दबा दिया जाए तो सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है. क्योंकि यह नस सिर और मस्तिष्क से हृदय तक रक्त प्रवाहित करती है. अगर इस नस को चोट लग जाए तो नस फट सकती है, ये दुर्घटना जान भी ले लेती है. लेकिन पाकिस्तान के सियासी डॉक्टर जान बूझकर बार-बार वो गलती करते हैं जिससे भारत को पाकिस्तान का जुगुलर नस दबाने पर मजबूर होना पड़ता है.
अपनी थोक के भाव में किए जाने वाले तकरीरों में पाकिस्तान के नेता और जनरल कश्मीर को पाकिस्तान का जुगुलर वेन बताते हैं. पहलगाम में 26 बेगुनाह सैलानियों की पाकिस्तान परस्त आतंकियों द्वारा हत्या के बाद भारत ने इस जुगुलर वेन को कसकर दबा दिया है.
जिस कश्मीर को पाकिस्तान अपना जुगुलर वेन बताता है, उस क्षेत्र से होकर बहने वाला पानी ही पाकिस्तान की जीवन देता है. पाकिस्तानी जिस सिंधु,चिनाब और झेलम पानी पीते हैं, पाकिस्तानी समझौते में भारत को मिले जिन तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलज के पानी से फसल उगाते हैं, वो नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील, हिमाचल के लाहौल स्पीति, रोहतांग दर्रा से निकलती हैं, जम्मू-कश्मीर- पंजाब में वैभव हासिल करती हैं तब जाकर पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं और वहां से समंदर में मिलती हैं.