देहरादून। बारिश की अधिकता के कारण सब्जियों की कीमतों में वृद्धि सामान्य बात है क्योंकि उत्पादन में कमी आने से आपूर्ति कम हो जाती है और मांग के अनुपात में कीमतें बढ़ जाती हैं। टमाटर की कीमत का दोगुना होना और 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंचना आम आदमी के लिए बहुत चिंताजनक है और सब्जियों की कीमतें भी बढ़ने से घरेलू बजट पर भारी असर पड़ता है। इस स्थिति में किसानों को प्रोत्साहन देने और आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए सरकार और संबंधित विभागों द्वारा उचित कदम उठाना आवश्यक है। इसके साथ ही वैकल्पिक उपाय जैसे कि सब्जियों के स्टोरेज और वितरण में सुधार भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं ताकि उपभोक्ताओं पर इसका असर कम किया जा सक।
कैसे बिगड़ रहा आम आदमी की रसोई का बजट ?
फुटकर बाजार में टमाटर की कीमत दोगुनी होकर 80 रुपये प्रति किलो पहुंच गई हैं, जबकि कुछ दिन पहले यह 40-50 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। इसी तरह, आलू भी 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है जिससे कीमत बढ़ने पर उपभोक्ताओं की रसोई का बजट बिगड़ रहा है।निरंजनपुर मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि बंगलूरू और महाराष्ट्र से टमाटर की आवक कम हो रही है जिसके कारण टमाटर महंगा हो गया है। इसके अलावा, अन्य सब्जियों की आवक पर भी बारिश का असर पड़ा है।
कितने दिनों में फसल तैयार होने की है संभावना?
निरंजनपुर मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि बंगलूरू और महाराष्ट्र से नई टमाटर की फसल आगामी 10 दिनों में तैयार हो जाएगी लेकिन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बारिश कम होते ही उपभोगताओं का आना जाना शुरू हो जायेगा जिससे सब्जियों के दाम में गिरावट देखने को मिलेंगी।
सब्जियों के दाम-
सब्जी थोक फुटकर
आलू 24-25 40
टमाटर 40 80
प्याज 35 60
लहसून 120-150 240
फ्रेंच बीन्स 60 120
भिंडी 25 40
शिमला मिर्च 40-50 80
अदरक 150 240
आखिर कैसे मिलेगी राहत?
देहरादून में सब्जियों की कीमतों में उछाल से उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। हालांकि, आगामी दिनों में नई फसल की आवक और बारिश के कम होने से कीमतों में सुधार की संभावना है। इस स्थिति में सरकार और संबंधित विभाग तुरंत ऐसा कदम उठाये जिससे उपभोक्ताओं को सब्जियों की बढ़ती कीमतों से राहत मिले।
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