15 जून की सुबह, लगभग 8 बजे, हरिद्वार जिले की सिडकुल पुलिस को एक फोन आता है। फोन पर जानकारी मिलती है कि एक घर से अजीब सी दुर्गंध आ रही है। पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुँचती हैं और घर के दरवाजे को तोड़ते हैं। अंदर जाकर उन्हें हैरानी होती है जब वे घर की स्थिति देखते हैं। भारी भीड़ भी मौके पर जमा हो जाती है। कुछ समय बाद, पुलिस घर से एक लाश बाहर निकालती है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है। इस घटना से जुड़े कई सवाल उठते हैं – जैसे कि लाश किसकी थी, उसकी मौत कैसे हुई और घर के अंदर क्या हुआ था।
पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की। अगले दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि लाश के मालिक को जहर से मार दिया गया था। अब पुलिस ने कातिल की खोज शुरू की। वे उस इलाके की छोटी-छोटी और संकरी गलियों में स्थापित सीसीटीवी कैमरे जांचने लगे। जांच के दौरान उन्हें एक महिला और एक आदमी का फुटेज मिला, जो रात के अंधेरे में संदिग्ध हालत में भाग रहे थे। पुलिस ने अपने स्रोतों को अलर्ट किया, सायरन बजाई और गाड़ियों को हर दिशा में भेज दिया। आखिरकार, 15 दिनों की मशक्कत के बाद, पुलिस ने इस हत्या को अंजाम देने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल ,अंजू की शादी लगभग 9 साल पहले मधु राय नामक व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद मधु राय अंजू के साथ झारखंड में रहने लगे और उन्होंने अंजू के परिवार से मिलकर अपना घर बसाया। बाद में दोनों के बीच मतभेद बढ़ने लगे, जिसके परिणामस्वरूप अंजू ने सबसे पहले बरेली और फिर अपने प्रेमी के साथ हरिद्वार चली गई। अंजू का एक बेटा भी है।
आखिर कमरे के अंदर यह खौफनाक कत्ल क्यों हुआ?
जब पूलिस ने दोनों से पूछताछ की, तो पता चला कि यह कहानी एक अवैध संबंध की है। लिव इन रिलेशनशिप के बीच महिला के पति की एंट्री और प्रेमी के दखल के साथ। इस कहानी में जिस आदमी का कत्ल हुआ, उसका नाम था लक्ष्मण। मूल तौर पर यूपी के पीलीभीत का रहने वाला लक्ष्मण हरिद्वार में मजदूरी करता था। जिस पति-पत्नी को उसके कत्ल के आरोप में पकड़ा गया, उनमें महिला का नाम अंजू देवी और पति का नाम मधु राय था। लक्ष्मण हरिद्वार में अंजू के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था।
हरिद्वार के एक आश्रम में अंजू कुछ परिचितों से मिलती थी और वह अक्सर वहां जाती थी। एक दिन जब आश्रम में सत्संग चल रहा था, तो अंजू को अचानक उसके पति मधु राय से मिलने का मौका मिला। उसके साथ उसका 8 साल का बेटा भी था। अपने बेटे को देखकर अंजू को उसकी पुरानी जिंदगी की याद आने लगी और उसी आश्रम में पति-पत्नी के बीच फिर से सुलह हो गई। अंजू ने अपने पति और बेटे के साथ घर को बसाया और पड़ोसी मकान में उसे भी किराए पर एक कमरा मिल गया। अंजू ने अपने प्रेमी से झूठ बोलकर पति को भाई और बेटे को अपना भतीजा बताया, जिससे शुरुआत में सब कुछ ठीक लगा, लेकिन जल्दी ही लक्ष्मण को उसकी सच्चाई पता चल गई।
जाँच से हुआ खुलासा ,जहर से हुई मौत
अब अंजू और लक्ष्मण के बीच झगड़े बढ़ने लगे थे। लक्ष्मण अंजू के साथ बदसलूकी करने लगा और उसे मारने की धमकियां देने लगा। उसे अंजू का पति मधु राय से इसका खास पसंद नहीं था। इस बीच, अंजू और मधु ने एक डरावना षड्यंत्र बनाया। उनका यह षड्यंत्र था कि वे लक्ष्मण को रास्ते से हटा देंगे। 14 जून की रात को अंजू ने खाना बनाया और उसमें जहर मिलाकर लक्ष्मण को खिलाया। खाना खाते ही कुछ ही पलों में लक्ष्मण की मृत्यु हो गई। इसके बाद, अंजू और मधु ने उस कमरे के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया और मौका देखते हुए वहां से भाग निकले। हालांकि, उनकी चालाकी का पर्दाफाश पुलिस ने उन्हें बस अड्डे पर रानीपुर मोड़ की ओर जाते हुए गिरफ्त में ले लिया और कार्यवाई तेज़ कर दी है