राज्य में अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में मानकों के विपरीत चल रहे पैथोलॉजी सेंटरों पर कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं।
उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि पैथोलॉजी लैब्स में जांच के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ न हो, इसके लिए प्रदेशभर में निजी पैथोलॉजी लैब्स का सत्यापन किया जाएगा। डॉ. रावत ने कहा कि उन्हें अवैध पैथोलॉजी लैब्स की कई शिकायतें मिली हैं, जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक हैं। अनाधिकृत रूप से चल रही पैथोलॉजी लैब्स और ब्लड कलेक्शन सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेशभर में सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में अवैध पैथोलॉजी लैब्स के संचालन की कई शिकायतें मिली हैं।
मंत्री ने बताया कि राज्य में पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण और मेडिकल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के दस्तावेज जरूरी हैं। पैथोलॉजी लैब में काम करने वाले डॉक्टरों का उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल और टेक्नीशियनों का उत्तराखंड पैरामेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। डॉ. रावत ने कहा कि जो पैथोलॉजी लैब और ब्लड कलेक्शन सेंटर मानकों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जिन पैथोलॉजी लैब में मानकों के अनुसार टेक्नीकल स्टाफ और डॉक्टर नहीं हैं और जो क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं हैं, उनकी जांच के लिए संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध पैथोलॉजी केंद्रों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ताकि मरीजों के रक्त जांच की प्रमाणिकता और गुणवत्ता बनाए रखी जा सके।