प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सरकार के दृष्टिकोण के साथ शुरुआत की। उन्होंने बताया कि देश के विकास के लिए तीसरी बार तीन गुना रफ्तार से काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस पर निशाना साधा और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी ध्यान में रखा। उनके भाषण से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे भी बाहर रहे, जैसे कि नीट पेपर लीक का मामला। प्रधानमंत्री ने संसद में 133 मिनट तक बोला, जबकि राहुल गांधी ने एक दिन पहले 100 मिनट तक भाषण दिया था। उनके भाषण में 61 बार ‘विकास’ और ‘विकसित’ शब्द का उपयोग किया गया। उन्होंने 15 बार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और 12 बार इंदिरा गांधी का नाम भी लिया। नीट के मुद्दे पर उन्होंने एक बार ही शब्द का उपयोग किया, जबकि राष्ट्रपति के अभिभाषण में उन्होंने कांग्रेस के लिए ‘परजीवी’ और राहुल के लिए ‘बालक बुद्धि’ जैसे शब्द का उपयोग किया।
प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे महत्वपूर्ण अंश था जब उन्होंने कांग्रेस को ‘परजीवी’ बताया। पीएम मोदी ने कहा, “13 राज्यों में कांग्रेस को जीरो सीट मिली है, लेकिन वे खुद को हीरो मान रहे हैं। मैं कांग्रेस के लोगों से कहूंगा कि झूठी जीत के जश्न में जनता के जनादेश की अनदेखी न करें। अब कांग्रेस 2024 से परजीवी पार्टी बन गई है, जिसका मतलब है कि वह अपने सहयोगी पर निर्भर रहती है और उसे ही खा जाती है। कांग्रेस उस पार्टी का वोट खा जाती है जिसके साथ वह गठबंधन करती है।”
उन्होंने कहा, “जहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर थी, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 फीसदी है। मगर जहां वे गठबंधन में थे, वहां उनका स्ट्राइक रेट 50 फीसदी था। कांग्रेस की 99 सीटों में से अधिकांश सीटें उसे सहयोगियों के प्रयासों से मिलीं। गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने दम पर लड़ी, यहां 64 सीटों में से वे केवल 2 सीटें जीत पाई। इसका मतलब है कि कांग्रेस परजीवी हो गई है। अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के वोट न खाए होते तो वह इतनी सीटें भी नहीं जीत पाती।”
विपक्ष ने संसद से किया वाकआउट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। एक दिन पहले उन्होंने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया था। राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “तीसरी बार मौका मिलना ऐतिहासिक है। सांसदों ने सदन की गरिमा को बढ़ाया है। पिछले दो-ढाई दिनों में करीब 70 सांसद इस चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यात करने में आप सभी सांसदों ने जो योगदान दिया है उसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।”
पीएम मोदी ने इसके बाद कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतंत्रिक यात्रा के कई दशकों बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है। इसके बाद 60 साल के बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा, “मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का ह्रदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमने कृषि को एक व्यापक स्वरूप में देखा है और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कराया है। कांग्रेस के कार्यकाल में 10 साल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया था, जिसमें 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया गया था। उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे और गरीब किसान को तो इसका कोई लाभ नहीं मिला।”
उन्होंने जारी किया, “यहां पर बैठे कुछ लोग कहते हैं कि इसमें क्या है। ये तो होना ही चाहिए। ये लोग ऑटो पायलट मोड में सरकार चलाना चाहते हैं और इंतजार करने में विश्वास रखते हैं। हम मेहनत करना चाहते हैं। आने वाले 5 साल में मूल सुविधाओं के सुधार पर ध्यान दिया जाएगा। आगामी 5 साल में गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होगी। हम गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। मैं अपने 10 साल के अनुभव से कह रहा हूँ कि जब देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा तो इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा। इस अवधि में हमें विस्तार करने के लिए कई मौके मिलेंगे।”
PM मोदी ने कहा, “इन चुनावों में हमें देश की जनता की बुद्धिमता पर गर्व होता है। उन्होंने प्रोपेगंडा को परास्त कर दिया और जनता ने प्रदर्शन को प्राथमिकता दी। धोखे की राजनीति को खारिज कर दिया और विश्वास की राजनीति पर जीत की मुहर लगा दी।”
नारेबाजी और हंगामे के बाद सदन से विपक्ष ने वाकआउट किया, जिस पर पीएम मोदी ने कहा, “इनके नसीब में मैदान छोड़ना ही है। ये लोग सच्चाई नहीं पचा पा रहे हैं। इसी वजह से मैदान को छोड़ कर भाग रहे हैं। मैं अपने कर्तव्य से जुड़ा हुआ हूं। मुझे देशवासियों को पल पल का हिसाब देना है।”