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उत्तराखंड में एक नई पहल, अब शिक्षा परिषद कराएगी शेयरिंग शिक्षा की व्यवस्था

आज राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें राज्य में चल रहे विभिन्न शिक्षा बोर्डों के अधिकारी और निजी विद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में शिक्षकों के साझा उपयोग की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया।

स्कूली बच्चों के लिए होगा बैग फ्री डे

विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ कम कर उनके सर्वांगीण विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में सभी बोर्डों के अंतर्गत चलने वाले स्कूलों में हर महीने एक दिन बैग फ्री डे अनिवार्य होगा। इस दिन स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता, कृषि कार्य, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी अन्य कौशल विकास गतिविधियाँ होंगी, जिनमें सभी छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। डॉ. रावत ने कहा कि बच्चों के भारी बस्तों का बोझ कम करने के लिए अधिकारियों को कक्षावार मानक तय करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें अब शिक्षकों को सीबीएसई बोर्ड द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सीबीएसई बोर्ड के साथ जल्द ही अनुबंध किया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।

इस व्यवस्था के तहत राज्य में चल रहे विभिन्न शिक्षा बोर्डों के अच्छे शिक्षक एक-दूसरे के स्कूलों में पढ़ा सकेंगे और प्रयोगशाला व अन्य संसाधनों का उपयोग भी कर सकेंगे। इससे लाखों छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। डॉ. रावत ने बताया कि टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था को लागू करने के लिए जल्द ही विभिन्न शिक्षा बोर्डों के साथ अनुबंध किया जाएगा, जिसके प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिला और ब्लॉक स्तर पर पास के स्कूलों का एक समूह बनाया जाएगा और फिर सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

राजकीय विद्यालयों में भी अब सीबीएसई की पढाई

इस व्यवस्था के तहत राज्य में चल रहे विभिन्न शिक्षा बोर्डों के अच्छे शिक्षक एक-दूसरे के स्कूलों में पढ़ा सकेंगे और प्रयोगशाला व अन्य संसाधनों का उपयोग भी कर सकेंगे। इससे लाखों छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। डॉ. रावत ने बताया कि टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था को लागू करने के लिए जल्द ही विभिन्न शिक्षा बोर्डों के साथ अनुबंध किया जाएगा, जिसके प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिला और ब्लॉक स्तर पर पास के स्कूलों का एक समूह बनाया जाएगा और फिर सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

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