Tuesday, July 22, 2025

कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा। यह शब्द अपनी आंखों से हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देख चुकीं नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू के हैं। गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गईं थी। वह केदारनाथ यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं। शर्मिला ने बताया कि वह 5 बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गईं थीं, तब आसमान में बादल छाये हुए थे, पर कोहरा नहीं था। दूर-दूर तक साफ नजर आ रहा था। कुछ ही देर में एक हेलिकॉप्टर जैसे ही उस क्षेत्र में उड़ान भरता हुआ पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा और पीछे की तरफ गया और फिर थोड़ा नीचे आकर आगे बढ़ने लगा, जिससे वह एक ऊंचे पेड़ पर टकराकर सीधे जमीन पर गिर गया। हेलिकॉप्टर के नीचे गिरते ही उसमें आग लग गई। आग की लपटें इतनी भयावह थीं कि वह धू-धूकर जलने लगा।

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हेलिकॉप्टर हादसे में बिजनौर के नगीना निवासी वकील धर्मपाल सिंह अपनी पत्नी विनोदा देवी, नातिन तुष्टि, पोते ईशान और गोरांश के साथ 13 जून को घर से केदारनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए थे। शनिवार को उन्होंने केदारनाथ के दर्शन किए।

रविवार सुबह वह हेलिपैड पर पहुंच गए, लेकिन हेलिकॉप्टर में दो लोगों की ही जगह होने से विनोदा देवी व नातिन तुष्टि को उसमें बैठा दिया। धर्मपाल सिंह अपने दोनों पोतों के साथ धाम में ही रुक गये, लेकिन कुछ ही देर में सूचना मिली कि हेलिकॉप्टर हादसा हो गया, जिसमें सभी सात लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके बाद धर्मपाल सिंह अपने दोनों पोतों के साथ पैदल केदारघाटी के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि तुष्टि केदारनाथ यात्रा पर नहीं आना चाहती थी, पर मां ने उसे नानी के साथ जबरन भेजा। वह दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी।

कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा। यह शब्द अपनी आंखों से हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देख चुकी नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू के हैं।
गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गई थी। वह यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं। शर्मिला ने बताया कि वह 5 बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गईं थीं, तब आसमान में बादल छाए हुए थे, पर कोहरा नहीं था।
कुछ ही देर में एक हेलिकॉप्टर जैसे ही उस क्षेत्र में उड़ान भरता हुआ पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा और पीछे की तरफ गया और फिर थोड़ा नीचे आकर आगे बढ़ने लगा, जिससे वह एक ऊंचे पेड़ पर टकराकर सीधे जमीन पर गिर गया।

शर्मिला ने बताया कि जब हम घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां एक बच्ची गिरी हुई थी, जो जिंदा नहीं थी। संभवतः बच्ची हेलिकॉप्टर से गिरकर जमीन में बड़े पत्थर से टकरा गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।
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