बिहार के गया जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर टेकरी ब्लॉक के करीब एक गांव है। नाम है- बारा। यूं तो बारा गांव आज पूरे मगध प्रमंडल की तरह शांत है, लेकिन आज से करीब 33 वर्ष पहले 1992 में यहां कुछ ऐसा घटनाक्रम घटा था, जिसकी छाप आज भी यहां के लोगों के दिमाग में है। इस पूरे घटनाक्रम को उस दौरान हत्याकांड करार दिया जाता रहा। हालांकि, जैसे-जैसे मामले में एक ही वर्ग के मृतकों की संख्या बढ़ी और हत्यारों की बर्बरता का खुलासा हुआ, इसे हर तरफ नरसंहार करार दिया जाने लगा।
बिहार के महाकांड के 10वें भाग में जानते हैं बारा नरसंहार की कहानी। आखिर गया के नजदीक एक गांव में 12-13 फरवरी को क्या हुआ था? इस पूरे नरसंहार की पृष्ठभूमि क्या थी? इसे किसने और कैसे अंजाम दिया था? अदालतों में इस मामले में क्या-क्या हुआ? आइये जानते हैं…